कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी से जुड़े नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आज दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में चौथी सुनवाई हुई। ED ने कोर्ट को बताया कि, पहली नजर में सोनिया और राहुल आरोपी हैं।
स्पेशल जज विशाल गोगने की कोर्ट में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू और उनके असिस्टेंट जोहैब हुसैन ने दलीले रखीं। जोहैब हुसैन ने कहा- एक बार शेयर जारी हो जाएं तो यह संपत्ति बन जाती है। एजेएल के शेयर यंग इंडियन को बेचना धोखाधड़ी था।
इस पर कोर्ट ने सवाल किया कि, क्या एक कंपनी से दूसरी कंपनी को शेयर बेचना, इसे हम अपराध मान सकते हैं? कोर्ट ने कहा- कंपनी की हर गतिविधि मनी लॉन्ड्रिंग नहीं हो सकती। हालांकि, इसे अपराध मान सकते हैं।
ED की तरफ से दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि, इस मामले में 2 से 8 जुलाई तक रोजाना सुनवाई होगी। नेशनल हेराल्ड केस 2012 से चल रहा है, जब भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया, राहुल और उनकी सहयोगी कंपनियों से जुड़े लोगों के खिलाफ शिकायत की थी।
चार्जशीट से पहले प्रॉपर्टी जब्त करने की कार्रवाई हुई
12 अप्रैल 2025 को जांच के दौरान कुर्क संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई की गई थी। ED ने दिल्ली के हेराल्ड हाउस (5A, बहादुर शाह जफर मार्ग), मुंबई के बांद्रा (ईस्ट) और लखनऊ के विशेश्वर नाथ रोड स्थित AJL की बिल्डिंग पर नोटिस चिपकाए थे। 661 करोड़ की इन अचल संपत्तियों के अलावा AJL के 90.2 करोड़ रुपए के शेयरों को ED ने नवंबर 2023 में अपराध की आय को सुरक्षित करने और आरोपी को इसे नष्ट करने से रोकने के लिए कुर्क किया था।