भोपाल और इंदौर दोनों शहरों में मेट्रो परियोजना की शुरुआत एक साथ 2018 में हुई थी। लेकिन इंदौर मेट्रो जनता के लिए तैयार हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 मई को भोपाल से ही इंदौर मेट्रो रेल सेवा का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे। वहीं, भोपाल मेट्रो को अभी सितंबर तक इंतजार करना पड़ सकता है। इंदौर के सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर में 5 किमी के रूट पर पांच स्टेशन बन चुके हैं।
वहां सिविल वर्क, ट्रैक बिछाने, इलेक्ट्रिक लाइनें, लोड टेस्ट, ट्रायल रन से लेकर रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) और कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (सीएमआरएस) का निरीक्षण भी तीन बार हो चुका है। वहीं, भोपाल में अब भी कई अहम काम अधूरे पड़े हैं।
भोपाल में इसलिए देरी... रूट 5 से बढ़ाकर 8 किमी किया
भोपाल में पहले मेट्रो रूट सुभाष नगर से रानी कमलापति तक 5 किमी तय था, जिसे बाद में बढ़ाकर एम्स तक 8 किमी कर दिया गया। अब स्टेशन की संख्या भी 8 हो गई है। इसलिए प्रोजेक्ट लेट हो गया। तीन प्रमुख स्टेशन एम्स, अलकापुरी व डीआरएम पर एंट्री-एग्जिट और फिनिशिंग अधूरी है। सुभाष नगर डिपो का कंट्रोल रूम भी तैयार नहीं है। इसके बिना मंजूरी संभव नहीं।
अभी क्या चुनौती?
कमर्शियल रन से पहले मेट्रो कंपनी को करीब 600-700 पेज की विस्तृत रिपोर्ट सीएमआरएस को भेजनी होगी। इसमें ट्रैक, स्टेशन, कंट्रोल रूम, लिफ्ट, कस्टमर केयर, सिग्नलिंग, टेलीकम्युनिकेशन जैसे सभी ज़रूरी अप्रूवल लिए जाएंगे।