नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। अश्विन ने इंजीनियरिंग छोड़ क्रिकेट को अपनाया और कई यादगार प्रदर्शन दिए। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत ओपनिंग बल्लेबाज और मीडियम पेसर के रूप में की, लेकिन बाद में ऑफ स्पिन में महारत हासिल की। अश्विन ने कई रिकॉर्ड बनाए हैं। ब्रिस्बेन टेस्ट के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आकर संन्यास का ऐलान किया।पढ़ाई में काफी तेज थे अश्विन
38 साल के रविचंद्रन अश्विन का जन्म 17 सितंबर 1986 को चेन्नई के मायलापुर में हुआ था। उनके पिता रविचंद्रन खुद एक क्लब क्रिकेटर और तेज गेंदबाज थे। अश्विन पढ़ाई में भी काफी तेज थे। उन्होंने चेन्नई से स्कूली शिक्षा पूरी की और फिर एसएसएन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से IT में ग्रेजुएशन किया। हालांकि, उन्होंने इंजीनियरिंग को अलविदा कह क्रिकेट को अपना जुनून बना लिया।इंजरी की वजह से बने स्पिनर
बहुत कम लोग जानते हैं कि अश्विन ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत एक ओपनिंग बल्लेबाज के रूप में की थी। बाद में उन्होंने मीडियम पेस गेंदबाजी भी की। उनके बचपन के कोच सीके विजय ने उन्हें ऑफ स्पिन गेंदबाजी करने की सलाह दी। इसके पीछे दो कारण थे। पहला अश्विन की लंबाई 6 फीट 2 इंच थी, जो ऑफ स्पिन के लिए उपयुक्त मानी जाती है। दूसरा अंडर-16 क्रिकेट के दौरान उन्हें एक चोट लगी थी, जिसके बाद दौड़ने में दिक्कत होने लगी। इसलिए उन्हें स्पिन गेंदबाजी करने का सुझाव दिया गया
2010 में किया था इंटरनेशनल डेब्यू
अश्विन को क्रिकेट फैंस 'ऐश' के नाम से भी जाते है। उन्होंने 2006 में हरियाणा के खिलाफ अपना पहला घरेलू मैच खेला। इस मैच में उन्होंने 6 विकेट लेकर सबको प्रभावित किया। उन्होंने 2010 में जिम्बाब्वे के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया और 2 विकेट झटके। अश्विन ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ दिल्ली में अपना टेस्ट डेब्यू किया। इस मैच में उन्होंने धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए कुल 9 विकेट चटकाए। पहली पारी में 3 और दूसरी पारी में 6 विकेट लेकर उन्होंने सबको हैरान कर दिया। उन्हें 'प्लेयर ऑफ द मैच' भी चुना गया। वह 2011 वर्ल्ड कप विजेता भारतीय टीम का भी हिस्सा थे।